चंदा को ताकूँ रातों में, है ज़िन्दगी तेरे हाथों में
पलकों पे झिलमिल तारें हैं, आना भरी बरसातों में
सपनों का जहाँ, होगा खिला खिला
बरसेगा सावन…
चंदा को ताकूँ रातों में, है ज़िन्दगी तेरे हाथों में
पलकों पे झिलमिल तारें हैं, आना भरी बरसातों में
सपनों का जहाँ, होगा खिला खिला
बरसेगा सावन…